इन लोगों ने तो हमें कभी नहीं बताया कि एक समय धरती ब्रह्मांड का दूसरा सबसे शक्तिशाली ग्रह था। रात 8 बजकर 30 मिनट एक व्यक्ति को एक कॉल आया कि 10 मिनट में सामान पैक करके जल्दी नीचे आ जाओ। जिस व्यक्ति ने कॉल किया था, वह अल्बर्ट अल्फांस था और उसने देखा कि उसकी दोस्त सामान के साथ आ रही थी। उसकी दोस्त, जो कार्ला स्विस के नाम से प्रसिद्ध थी, ने कहा, "क्या बात है, मुझे इतनी जल्दबाजी में क्यों बुलाया?"
अल्बर्ट ने कुछ नहीं कहा, बस गाड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा, "बैठो।" कार्ला ने ज्यादा कुछ नहीं पूछा और तुरंत गाड़ी में बैठ गई। अल्बर्ट ने गाड़ी स्टार्ट कर दी और वहां से तुरंत चले गए। कुछ ही देर बाद वहां पुलिस की गाड़ी आई। एक ओर पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही थी, तो दूसरी ओर कार्ला को अंदाज़ा नहीं था कि वह कहां जा रहे हैं।
उसने अल्बर्ट से पूछा, "हम कहां जा रहे हैं?"
अल्बर्ट ने एक चीज़ कार्ला को पकड़ाते हुए कहा, "पहले इसे देखो।"
कार्ला ने कुछ समय तक उसे समझने की कोशिश की, पर कुछ समझ नहीं पाई। उसने अल्बर्ट से पूछा, "क्या है यह?"
अल्बर्ट मुस्कुराते हुए बोला, "म्यूजियम से उधार लिया है।"
कार्ला कुछ समझ पाती, उससे पहले पुलिस के सायरन की आवाज आई और पुलिस ने लाउडस्पीकर में चिल्लाते हुए कहा, "अपने आप को कानून के हवाले कर दो।"
कार्ला ने अल्बर्ट की ओर देखते हुए कहा, "अब क्या कर दिया तुमने?"
अल्बर्ट ने मुस्कुराते हुए कहा, "ज्यादा कुछ नहीं, बस म्यूजियम से कुछ उधार लिया है," और गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी।
कार्ला कुछ समय तक कुछ बोल नहीं पाई और फिर कहा, "तुमने चोरी की है, पर इतनी ज्यादा पुलिस क्यों? सच-सच बताओ, तुमने क्या किया है और वह चीज़ क्या है?"
अल्बर्ट ने कहा, "अच्छा-अच्छा, बताता हूं। यह कहानी 5 साल पहले शुरू हुई थी। एक दिन, जब मैं ऐसे ही घूम रहा था, मुझे एक इंसान मिला..."
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कार्ला ने कहा, "मजाक नहीं, सीरियसली बताओ।"
अल्बर्ट ने कहा, "ओके ओके, इस बार बिल्कुल सच-सच बोलूंगा, कोई झूठ नहीं।"
फिर अल्बर्ट ने अपनी कहानी जारी रखी, "मुझे 2 साल पहले मेरे पुश्तैनी घर में एक नक्शा मिला था। मुझे लगा कोई बेकार की चीज होगी और मैंने उसे डस्टबिन में फेंक दिया था। मगर उसी दिन शाम को टीवी पर एक व्यक्ति म्यूजियम का टूर कर रहा था। उस म्यूजियम में सारी चीजें बेशकीमती थीं, मगर उन सब को छोड़कर एक पुराने से कागज के टुकड़े में एक चीज रखी हुई थी और वह सबसे ज्यादा सुरक्षित स्थान पर रखी थी। इसे देखते ही मुझे याद आया कि वह नक्शा जैसा लग रहा था। यह देखते हुए, मैं तुरंत उसे नक्शे की ओर दौड़ा, जिसे काका आग के हवाले करने ही वाले थे। मैं तुरंत उसे अपने हाथों में पकड़ लिया। मैंने देखा कि उसमें कुछ लिखा हुआ था, पर कुछ समझ नहीं आ रहा था। मगर काका ने जैसे ही उसे देखा, उनकी आंखों में आंसू भर आए। उन्होंने कहा, 'छोटे मालिक, यह मालिक का पुश्तैनी खजाना है। मैं नहीं जानता इसमें क्या है, मगर इससे जुड़ी कहानी है।'"
अल्बर्ट ने आगे कहा, "मैंने उत्सुकता से पूछा, 'कहानी क्या है, काका?' काका ने बताया कि सालों पहले एक महान युद्ध हुआ था, जिसके निशानों को इंसान ने मिटा दिया। मगर कुछ लोगों ने उस युद्ध के निशानों को संभाल कर रखा है और पीढ़ी दर पीढ़ी अपने परिवार में आगे बढ़ाते गए। यह भी उसी युद्ध का एक निशान है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया गया है। मालिक के जाने के बाद मुझे लगा, मैं इसे कभी देख नहीं पाऊंगा। आशा है, छोटे मालिक आप इस राज़ से पर्दा उठा पाएंगे।"
कार्ला ने गुस्से में कहा, "बस इतनी ही? इसमें तो एक भी काम की बात नहीं है। तुम कुछ छुपा तो नहीं रहे हो?"
अल्बर्ट ने कहा, "नहीं, कुछ नहीं छुपाया।"
कार्ला ने पूछा, "पर अब हम कहां जा रहे हैं?"
अल्बर्ट ने कहा, "भारत। वहां पर मेरा एक दोस्त है जो हमारी मदद करेगा।"
कार्ला ने कहा, "मगर हम भारत कैसे जाएंगे? हर जगह तो पुलिस होगी।"
अल्बर्ट ने हंसते हुए कहा, "सब कंट्रोल में है। तुम टेंशन बहुत लेती हो।"
अल्बर्ट ने गाड़ी एक गांव की ओर मोड़ दी और सुबह के 5:48 बजे वे गांव पहुंचे। अल्बर्ट एक पुराने से घर में घुसा और तीन बड़े-बड़े बैग लेकर बाहर आया। कार्ला ने पूछा, "इनमें क्या है?"
अल्बर्ट ने कहा, "खुद ही देख लो," और बैग कार्ला को पकड़ाया। जैसे ही कार्ला ने बैग देखा, वह डर गई और गुस्से में बोली, "गन्स? तुम पक्का पागल हो गए हो। गन्स के साथ तो बॉर्डर क्रॉस करना और भी मुश्किल होगा।"
अल्बर्ट ने कहा, "डरो मत। सब कंट्रोल में है। वैसे भी हम बॉर्डर क्रॉस नहीं करेंगे। हम तो इंडियन ओशन के आसपास ही जा रहे हैं, अपने खुफिया बेस पर।"
कार्ला ने अल्बर्ट को इग्नोर करते हुए कहा, "कुछ भी।"
अल्बर्ट ने कहा, "मैं कुछ खाने का इंतजाम करके आता हूं, तुम अपना ध्यान रखना।" थोड़ी देर में अल्बर्ट एक गांव वाले को साथ लेकर आया, जिसने कुछ ही देर में बढ़िया सा खाना तैयार किया और उन्हें परोस दिया। जब गांव वाला वापस जा रहा था, अल्बर्ट ने उसे एक सोने का सिक्का दिया और बोला, "रख लो, उम्मीद है यह छोटा सा तोहफा तुम्हें पसंद आएगा।"
जब वह गांव वाला वहां से चला गया, कार्ला ने कहा, "वह सिक्का?"
अल्बर्ट ने जवाब दिया, "खानदानी है।"
कार्ला ने हाथ आगे करते हुए कहा, "तुम्हारे पास और भी हैं, दिखाना जरा।"
अल्बर्ट ने अपनी जेब में हाथ डाला और एक और सोने का सिक्का निकाला। कार्ला ने नजदीक से ध्यान से देखा। सिक्के के बीच में एक अजीब सी कलाकृति बनी हुई थी, जिससे लग रहा था कि किसी चीज को कहीं बंद करके रखा हुआ है। कार्ला ने अल्बर्ट को सिक्का वापस करते हुए कहा, "यह सोना तो है पर कुछ अलग भी लग रहा है। खैर, आगे का क्या प्लान है?"
अल्बर्ट बस मुस्कुरा दिया और बोला, "अभी हमें कुछ समय आराम करना चाहिए। सुबह होते ही हम अपनी यात्रा जारी रखेंगे।"